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India में 1G 2G 3G 4G 5G टेक्नोलॉजी क्या है?

1g 2g 3g 4g 5g kya hai

आज के इस आर्टिकल में हम देखने वाले हैं कि इंडिया में 1G 2G 3G 4G 5G टेक्नोलॉजी क्या है और कब शुरू हुई?

दिन प्रतिदिन टेक्नोलॉजी में नए बदलाव आते रहते है।

क्या आप भी 5G टेक्नोलॉजी को लेकर एक्साइटेड है?

अभी तो हम 4G LTE को समझने का प्रयत्न कर रहे थे तब तक नई टेक्नोलॉजी 5G नेटवर्क India में शरू होने की तैयारी में है।

हम जब स्मार्टफोन के द्वारा किसी व्यक्ति को फोन लगाते हैं या किसी वेबसाइट के ऊपर जाकर या फिर youtube पर कोई वीडियो देखते हैं तब हमें लगता है कि हम वायरलेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं लेकिन यह पूरी तरीके से सत्य नहीं है।

हमारे फोन से निकलने वाले सिग्नल नजदीक की मोबाइल कंपनी के टावर तक पहुंचते हैं। वहां से केबल कनेक्शन की मदद से नेटवर्क कंपनी का कनेक्शन अपने बेश स्टेशन के साथ होता है और वहां से सिग्नल वेबसाइट के सर्वर तक जाते हैं। सर्वर से डाटा सिग्नल वापिस हमारे फोन तक पहुंचते हैं।

ऐसे स्मार्टफोन से वेब सर्फिंग करते वक्त दोनों तरफ वायरलेस कनेक्शन हो सकते हैं लेकिन बीच में जो भाग आता है वह केबल के कनेक्शन के द्वारा ही सिग्नल आते और जाते हैं।

इंटरनेट कैसे काम करता है यह हमने देखा था उसमें पूरी प्रोसेस देखी थी कि हर एक स्टेप बाय स्टेप किस तरह से इंटरनेट काम करता है।

वायरलेस कम्युनिकेशन का मुख्य हेतु हाई क्वालिटी और भरोसेमंद कम्युनिकेशन देना है।

टेक्नोलॉजी की नई जनरेशन उसी दिशा में स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ती जा रही है।
वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की शुरुआत फर्स्ट जेनरेशन यानी कि 1979 से शुरू होकर अब 5G तक पहुंचे हैं।

1st जेनरेशन नेटवर्क से लेकर 5th जनरेशन नेटवर्क तक क्या-क्या बदलाव आए? उसे हम आगे देखेंगे।

1G 2G 3G 4G 5G टेक्नोलॉजी क्या है?

1G 2G 3G 4G 5G Mobile network के पांच जनरेशन है। हर एक नया जनरेशन पुराने जनरेशन से अच्छा होता है जिसमें कुछ बदलाव करके ज्यादा सुविधाएं दी हुई होती है। नई जनेरेशन की टेक्नोलॉजी पुरानी टेक्नोलॉजी से ज्यादा फ़ास्ट और सुरक्षित होती है।

G का मतलब होता है Generation.

5G अभी के लिए लेटेस्ट नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जबकि 1G अभी अस्तित्व में नहीं है।

GSM, GPRS, UMTS, LTE, VoLTE टेक्नोलॉजी 2G 3G 4G और 5G टेक्नोलॉजी के स्टैण्डर्ड है।

हर एक जनरेशन के बारे में हम जानेंगे।

1G (First Generation) क्या है?

1G का फुल फॉर्म first Generation होता है।

यह सबसे पहली सेल फोन टेक्नोलॉजी थी। यह जनरेशन 1979 मैं शुरू हुई थी और 80 के दशक तक पुरी तरीके से इंप्लीमेंट हो चुकी थी।

इस टेक्नोलॉजी को स्विच इन नेटवर्किंग टेक्नोलोजी भी कहते हैं क्योंकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फोन के द्वारा जुड़ने के लिए स्विचिंग नेटवर्क का उपयोग किया जाता था।

  • Launched & Working Year : फर्स्ट जनेरेशन (1G) वायरलेस टेक्नोलॉजी की शुरुआत 1979 जापान देश में Nippon Telegraph and Telephone (NTT) ने की थी। india में उस समय ऐसे महंगे नेटवर्क के लिए कोई मार्केट स्कोप नहीं था इसलिए भारत में फर्स्ट जनेरेशन वायरलेस टेक्नोलॉजी की शुरुआत हुई नहीं थी।

  • Carrier Frequency: 30 KHz

  • Technology : AMPS (Advanced Mobile Phone System), NMTS

  • Speed : 2.4 Kbps

  • Feature : Voice call यह इसकी खास खूबी थी ।

इंटरनेट की सुविधा फर्स्ट जनेरेशन में नहीं थी।

यह टेक्नोलॉजी एनालॉग सिग्नल पर काम करती थी।

स्पीड 2.4 Kbps की थी।

2G (2nd Generation) क्या है?

2G का फुल फॉर्म second Generation होता है। 2G cellular network GSM standard के आधार पर काम करता था।

फर्स्ट जनरेशन में एनालॉग सिग्नल का उपयोग होता था। जबकि 2G नेटवर्क में डिजिटल सिग्नल का उपयोग शुरू हुआ।

फर्स्ट जेनरेशन के कंपैरिजन में सेकंड जनरेशन में खूबियां ज्यादा थी।

  • Launched & Working Year : india में 1995 में 2G network launch हुआ था। August 1995 में वेस्ट बंगाल के चीफ मिनिस्टर ज्योति बासु ने पहली बार मोबाइल फोन के द्वारा केंद्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर सुखरामजी को फोन लगाया था।

  • Carrier Frequency: 200 KHz

  • Technology : GSM, GPRS

  • Speed : 64 Kbps

  • Feature : GPRS की वजह से Email, web browsing कर सकते थे। SMS, Conference call, call hold इत्यादि।

डिजिटल सिग्नल की वजह से यह टेक्नोलॉजी बहुत ही कारगर थी और फास्ट भी थी।

सेकंड जेनरेशन से फोन में डाटा सर्विस की सुविधा मिलनी शुरू हुई थी।

सेकंड जनरेशन में SMS, पिक्चर मैसेज, MMS की सुविधा मिलती थी।

पैकेट स्विचिंग सर्विस की सुविधा सेकंड जनरेशन से शुरू हुई थी।

मोबाइल डाटा का उपयोग करने के लिए GPRS (General Packet Radio Service) सर्विस की शुरूआत हुई थी।

2G में GPRS का advanced version यानि की EDGE (Enhanced Data rate for GMS Evolution) स्टार्ट हुआ था।

डेटा और वॉइस के लिए अलग-अलग लाइन नहीं थी एक ही लाइन थी जिस टाइम पर आप डाटा का इस्तेमाल करते हो उस टाइम पर आप वॉइस कॉलिंग के लिए फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।

इस नेटवर्क की यह प्रॉब्लम थी कि किसी भी फाइल को डेटा के द्वारा ट्रांसफर करने में बहुत समय लगता था।
डेटा ट्रांसफर रेट बहुत ही कम था और इस तकलीफ को दूर करने के लिए 3G नेटवर्क का आविष्कार हुआ।

3G (3rd Generation) क्या है?

इस टेक्नोलॉजी में टेलीफोन लाइन को अलग-अलग लाइन से डिवाइड कर दिया गया।
जिससे एक ही लाइन में डाटा और वॉइस को ट्रांसफर किया जा सके।
पहले जिसमें सिर्फ वॉइस या डाटा को ही ट्रांसफर कर सकते थे अब उसमें वॉइस और डेटा दोनों को एक साथ ट्रांसफर कर सकते थे।

इस टेक्नोलॉजी की वजह से GPS, वीडियो कॉलिंग, कॉन्फ्रेंसिंग सरल हुआ।

यह टेक्नोलॉजी Universal Mobile Telecommunications System (UMTS) स्टैंडर्ड का उपयोग करती है।

3G नेटवर्क, 2G नेटवर्क की टेक्नोलॉजी के प्रोटोकॉल में बदलाव करके फास्ट डाटा प्रोवाइड करता है।

पैकेट स्विचिंग का उपयोग होने से 14 Mbps तक की स्पीड मिलती थी।
इंडिया में सिर्फ 2 Mbps तक की स्पीड मिलती थी।

भारत में 3g कब लांच हुआ

भारत में 3g service 2008 में शुरू हुई थी।

  • Launched & Working Year : इंडिया में 3G सर्विस 2008 से 2014 थी।

  • Carrier Frequency: 5 MHz

  • Technology : CDMA, UMTS, EDGE (Enhanced Data Rate for GSM Evoution.

  • Speed : 144 Kbps to 2 Mbps

  • Feature : डाटा ट्रांसफर रेट की बैंडविथ बढी। वीडियो कॉल की फैसिलिटी शुरू हुई थी। फास्ट कम्युनिकेशन हुआ था। मोबाइल टीवी का ट्रेंड स्टार्ट हुआ था।

4G (4th Generation) क्या है?

TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) के द्वारा एक 4G data स्पीड के संदर्भ में एक सर्वे किया।

डाउनलोड और अपलोड की स्पीड के संदर्भ में उसमें Reliance JIO ki download speed सबसे ज्यादा 20.9 Mbps है।
Vodafone Idea की स्पीड 14.4 है और Airtel की स्पीड 11.9 Mbps है।

3G की तुलना में 4G टेक्नोलॉजी बहुत ही आगे की टेक्नोलॉजी है।

इस टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य वॉइस कॉलिंग के साथ हाई स्पीड डेटा प्रोवाइड करना।

4G में अच्छी क्वालिटी और सिक्योरिटी के साथ वॉइस और डाटा की सर्विस की कॉस्ट को कम करना इसका मुख्य हेतु था।

WiMax और LTE (Long Term Evolution) यह दो 4G के स्टैंडर्ड है।

किसी भी एप्लीकेशन को डाउनलोड करना, गेम डाउनलोड करना, टीवी के ऊपर आने वाले HD show को देखना यह सब आप बिना रुकावट 4G टेक्नोलॉजी के माध्यम से कर सकते हो।

नई जनरेशन के फोन को इस तरह से बनाया गया है कि वह पुराने नेटवर्क टेक्नोलॉजी को भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि 2G नेटवर्क और 3G नेटवर्क।

  • Launched & Working Year : इंडिया में 4G सर्विस 2012 में Airtel ने शरू की थी। व्यावसायिक रूप से 2016 में JIO ने 4G service को भारत में शुरू किया। जिसने बहुत सारे गाँवो को इंटरनेट के साथ जुड़ा। इंटरनेट की दुनियामे एक बहुत बड़ी क्रांति आयी।

  • Carrier Frequency: 15 MHz

  • Technology : LTE, WiMax

  • Speed : 21.9 Mbps

  • Feature : बहुत ही फास्ट तरीके से डाटा डाउनलोड और अपलोड कर सकते हैं। बिना रुकावट वीडियो देख सकते हैं। किसी भी वेबसाइट को सरलता से सर्फिंग कर सकते हैं। 4G इंटरनेट स्पीड से क्लाउड कंप्यूटिंग से आसानी से बहुत सारे काम कर सकते हैं।

Google Photos जैसी सर्विस पर आपके फोटो को अपलोड करने के लिए इंटरनेट की अपलोड स्पीड अच्छी होनी चाहिए।

4G इंटरनेट स्पीड से हमारा काम आसान हो जाता है।


5G (5th Generation) क्या है?

01 October 2022 के दिन प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथो India में 5G टेक्नोलॉजी का लॉन्च हुआ।

4G टेक्नोलॉजी से 5G टेक्नोलॉजी एडवांस है इसकी डाटा स्पीड 4G की कंपैरिजन में 05 गुना ज्यादा होगी।

इंडिया में 4G की स्पीड 21 Mbps तक मिलती है लेकिन 5G टेक्नोलॉजी से यह स्पीड हमें 100 Mbps तक हमारे फोन में मिलेगी।

5G टेक्नोलॉजी में स्पीड बढ़िया मिलेगी इसकी वजह से cloud based डाटा अपलोड और डाउनलोड होने में आसानी होगी।

फ़ास्ट इंटरनेट स्पीड की वजह से Artificial Intelligence के आधार पर डेटा एनालिसिस रियल टाइम में हो पाएगा।

  • Launched & Working Year : 01 October 2022 इंडिया में 5G शुरू हो गया है। अभी सिर्फ 08 city में इसे launch किया गया है लेकिन कुछ महिनो मे इसे सारे देश में लॉन्च किया जाएगा ऐसा माना जाता है।

  • Carrier Frequency: 50 MHz to 100 MHz

  • Technology : 5G NR (New Radio)

  • Speed : 100 Mbps

  • Feature : सबसे बड़ी बात 5G की स्पीड है। डाटा अपलोड और डाउनलोड की स्पीड 5 गुना ज्यादा मिलेगी। मशीन लर्निंग में तेजी से काम होगा। होम ऑटोमेशन, स्मार्ट होम और स्मार्ट city के लिए 5G नेटवर्क, कम्युनिकेशन के लिए मदद रूप होगा।

Metaverse का अच्छा अनुभव लेने के लिए 100 Mbps स्पीड होनी चाहिए और वह 5G टेक्नोलॉजी से संभव हो पाएगा।

5G लॉन्च होने के बाद Metaverse में और भी तेजी देखने को मिलेगी।

इंटरनेट स्पीड से ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी का अनुभव शानदार होगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

India में 1G 2G 3G 4G 5G टेक्नोलॉजी क्या है? कब शुरू हुई और उसमें क्या क्या सुविधाएं थी, स्पीड कितनी, कौन सी फ्रीक्वेंसी पर काम करती है यह सब हमने देखा।

फर्स्ट जेनरेशन वायरलेस टेक्नोलॉजी की शुरुआत 1979 में हुई थी।
1G में सिर्फ वॉइस कॉलिंग की सुविधा मिलती थी।
फर्स्ट जनरेशन एनालोग सिग्नल पर काम करता था।
2G का फुल फॉर्म सेकंड जनरेशन होता है।

यह टेक्नोलॉजी डिजिटल सिग्नल पर काम करती थी। इंटरनेट की सुविधा 2G नेटवर्क आने के बाद मोबाइल फोन में मिलने लगी।

इंटरनेट की सुविधा 2G टेक्नोलॉजी में 64 Kbps की स्पीड पर काम करती है।

3G नेटवर्क 2G नेटवर्क की टेक्नोलॉजी से ज्यादा बेहतर थी।

144 Kbps से लेकर 2 Mbps तक की स्पीड 3G नेटवर्क में मिलती थी।

थर्ड जनरेशन में वीडियो कॉलिंग भी कर सकते थे।

4G टेक्नोलॉजी की पहली शुरुआत इंडिया में एयरटेल कंपनी के द्वारा की गई थी लेकिन पूरे देश में जिओ ने इसे फैलाया।

WiMax और LTE / VoLTE स्टैंडर्ड पर 4G टेक्नोलॉजी काम करती हैं।

4G में डाउनलोड की स्पीड 21.9 Mbps मिलती है।

5G यानी 5th जेनरेशन। इंडिया में 5G लॉन्च हो चूका है।

4G की इंटरनेट स्पीड की तुलना में 5G की इंटरनेट स्पीड 5 गुना ज्यादा होगी।

100 Mbps की डाटा स्पीड 5G में मिलेगी।

सुझाव

आपके कोई सुझाव या प्रश्न comment box में जरूर बताइए।

धन्यवाद!!!