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Deep Learning क्या है? सरल example से समझे 2024

क्या आपको पता है Deep Learning क्या है? और आप किसी भी text के आधार पर इमेज क्रिएट कर सकते है, इंसान के जैसे ही text को generate करवा सकते है, virtual face और virtual video के पीछे ऐसी कौनसी टेक्नोलॉजी काम करती है?

टेक्नोलॉजी के इस बढ़ते युग में Deep Learning एक क्रांतिकारी कांसेप्ट है, जिसमें मशीन यानि कंप्यूटर अपने आप से सीख पाए उसमे Deep Learning एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।

इस पोस्ट में आप जानोंगे की Deep Learning क्या है? कहां-कहां इसका इस्तेमाल होता है?, मशीन लर्निंग में क्यों यह आवश्यक है?, Deep Learning के फायदे क्या है?, लिमिटेशन क्या है?, कहां इस्तेमाल होता है? यह पूरी जानकारी आपको मिलेगी।



डीप लर्निंग का मतलब क्या है? (Definition of Deep Learning in Simple words)

डीप लर्निंग Artificial Intelligence (AI) की एक ऐसी प्रोसेस है जो हमारे दिमाग की तरह कंप्यूटर को अपने आप में data processing करने का तरीका सिखाता है। डीप लर्निंग मॉडल्स कई कॉम्प्लेक्स पैटर्न को पहचानने में मदद कर सकता है। जैसे की image, sound, texts और ऐसे कई डाटा को स्पष्ट तरीके से पहचान सकता है।

Deep Learning क्या है? (What is Deep Learning?)

बिग डाटा के इस युग में डीप लर्निंग एक महत्वपूर्ण कांसेप्ट है जो बहुत बड़े डेटासेट के अंदर से complex pattern को समझ कर meaningful data को बाहर लाने का काम करता है।

डीप लर्निंग यह Artificial Intelligence का एक ऐसा भाग है जो कंप्यूटर प्रोग्राम को अपने आप में सीखने और समझने की क्षमता प्रदान करता है।

हमारे दिमाग की तरह डीप लर्निंग neural network का इस्तेमाल करके इंफॉर्मेशन को सही ढंग से पहचान कर डिसीजन लेने में और पैटर्न को पहचानने में मदद करता है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस Vs मशीन लर्निंग Vs डीप लर्निंग Vs न्यूरल नेटवर्क (Artificial Intelligence Vs Machine Learning Vs Deep Learning Vs Neural Network)

AI vs Machine Learning Vs Deep Learning Vs Neural Network

डीप लर्निंग को समझने से पहले यह क्लियर होना चाहिए की Artificial Intelligence क्या है? और साथ में यह भी जानना जरुरी है की मशीन लर्निंग क्या है? यह जानने के बाद deep learning को अच्छी तरह से समझ सकते है। चलो इन चारो कांसेप्ट की confusion को दूर करते है।

Artificial Intelligence : जिस तरह से हम सोचते हैं उसी तरह मशीन सोच पाए और डिसीजन ले पाए ऐसा मशीन या कंप्यूटर बनाना इस कांसेप्ट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

Machine Learning : अब हमारी तरह सोचने वाले मशीन बनाने के लिए हम जिस तरह सोचते हैं और सीखते हैं वैसा ही कंप्यूटर अपने आप में सीखता रहे इसलिए कंप्यूटर को एल्गोरिथम दिए जाते हैं जिससे कंप्यूटर प्रोग्राम अपने आप में निश्चित किए हुए डाटा को प्रोसेसिंग करके उसके डेटा मॉडल को ट्रेन करता रहता है। ईस कॉन्सेप्ट को मशीन लर्निंग कहां जाता है।

Deep Learning : डीप लर्निंग मशीन लर्निंग का ही एक भाग है जो डेटा के जटिल पैटर्न को सीखने और प्रस्तुत करने के लिए कई layer के साथ डीप न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करती है।

Neural Network : यह डीप लर्निंग का एक fundamental component है। न्यूरल नेटवर्क हमारे मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली से प्रेरित एक कम्प्यूटेशनल मॉडल है। कॉम्प्लेक्स डेटा पैटर्न को प्रोसेस करने की प्रक्रिया को न्यूरल नेटवर्क कहा जाता है।

इससे आपका AI, Machine Learning, Deep Learning क्या है? और neural network के बारे में जो confusion है वह दूर हुआ होगा।


Deep Learning के प्रकार (Types of Deep Learning)

नीचे डीप लर्निंग नेटवर्क के प्रकार दिए गए है।

1) कोंवोलुशनल न्यूरल नेटवर्क (Convolutional Neural Networks (CNNs))

CNN का इस्तेमाल visual data को प्रोसेस करना और विश्लेषण करने के लिए होता है। जिससे इमेज को अच्छी तरह से वर्गीकृत करना, चीज वस्तुओं की पहचान करना और चहेरो की पहचान करना जैसे काम CNN के द्वारा कर सकते हैं।

Google Photos क्या है? यह अगर आप जानते हो तो इसमें CNN का ही इस्तेमाल होता है।

उदहारण : image, चीज वस्तु और चहेरो की पहचान। Google Photos में People की सुविधा इसका बेस्ट उदाहरण है।

2) रेकर्रेंट न्यूरल नेटवर्क (Recurrent Neural Networks (RNNs))

RNNs सीक्वेंस ऑफ डाटा यानि की किसीभी भाषा के ऊपर अच्छी तरह से काम करता है।

शॉर्ट टर्म मेमोरी को मेंटेन रखने में RNNs बहुत ही उपयोगी है। इससे chatbot जैसी एप्लीकेशन को डेवलप किया जाता है।

उदाहरण : नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, भाषा को ट्रांसलेट करना। Google translate इसका बेस्ट उदाहरण है।

3) लॉन्ग-शोर्ट टर्म मेमोरी नेटवर्क Long Short-Term Memory Networks (LSTMs):

यह RNNs का एक प्रकार है। लॉन्ग टर्म मेमोरी को मेंटेन रखने के लिए यह नेटवर्क उपयोगी है।

पुरानी इंफॉर्मेशन के आधार पर नई इंफॉर्मेशन को सुधार कर प्रस्तुत करने में मदद मिलती है।

पुरानी इंफॉर्मेशन को याद करने की इसकी क्षमता की वजह से पुरानी इंफॉर्मेशन के आधार पर डाटा का प्रिडिक्शन किया जाता है।

इसका इस्तेमाल स्टॉक प्राइस प्रिडिक्शन, भाषा को समझने में, म्यूजिक कंपोज़ करने में और फार्मास्यूटिकल डेवलपमेंट में किया जाता है।

उदाहरण : स्टॉक प्राइस का अनुमान लगाना। Amazon Alexa, Apple Siri, Google Assistant इसके बेस्ट उदाहरण है।

4) जनरेटिव अड्वॅरसरीअल नेटवर्क (Generative Adversarial Networks (GANs))

GANs का इस्तेमाल image generate करने के लिए होता है। आपको सिर्फ टेक्स्ट लिखकर इमेज का डिस्क्रिप्शन देना होता है इसके बाद GANs लिखी हुई text को प्रोसेस करके image generate करता है।

उदाहरण : Image generate करना। कई website है जो टेक्स्ट के आधार पर image generate करता है।

5) ऑटोएन्कोडेर (Autoencoder)

Autoencoder के जरिए इनपुट किये हुए डाटा को फिर से reconstruct कर सकते है इसलिए इसका इस्तेमाल image को encode करके compress करने में किया जाता है वैसे ही compressed image को decoder के जरिए फिर से original image में बदल सकता है।

उदाहरण : image compress, image enhancement, denoising

ये कुछ डीप लर्निंग के मुख्य प्रकार है।

AI, Machine Learning और Deep Learning Documentary film

Frontline नाम की कंपनी ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग को समझाने के लिए एक documentary film बनाई है जिसका नाम है ‘In The Age Of AI’.
इस डॉक्यूमेंटरी में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस किस तरह से दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और कैसे यह हमारी जिंदगी को और आसान बनाएगा। इसमें आप जान पाओगे की मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग कार्य को किस तरह से करता है।

नीचे In The Age of AI documentary film को आप देख सकते है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को समजने के लिए यह बेस्ट डाक्यूमेंट्री फिल्म है। इसे अवश्य देखे।

Video Credit : Frontline PBS


डीप लर्निंग को “डीप लर्निंग” क्यों कहा जाता है? (Why deep learning is called “Deep learning”?)

Deep Learning क्या है? ये हमने देखा लेकिन Deep Learning को “Deep Learning” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह डीप न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करता है जिसके अंदर कई सारे data के layers होते हैं जो एक दूसरे node के साथ इंटरकनेक्टेड होते हैं।

डीप न्यूरल नेटवर्क अलग-अलग लेयर के बीच में कंपलेक्स डाटा के साथ प्रोसेसिंग करके कांपलेक्स पैटर्न को ढूंढ कर सही अनुमान लगाने में और प्रेडिक्शन करने में सक्षम होता है इसलिए इसे deep learning कहा जाता है।

उदाहरण : समझो आप एक इमेज के अंदर किसी ऑब्जेक्ट की पहचान करना चाहते हो इसके लिए मशीन लर्निंग में मैनुअली आपको corner, edges और texture की पहचान के लिए एल्गोरिथम आपको डिजाइन करना पड़ता है।

दूसरी ओर डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करके सिर्फ सरफेस लेवल पर काम नहीं करता यह किसी भी इमेज के अंदर के ऑब्जेक्ट को पहचानने के लिए इमेज को कई सारे लेयर में डिस्ट्रीब्यूटर करता है और हमारे दिमाग की तरह ही यह प्रोसेस करता है।

पहले लेयर में सिर्फ edges की पहचान कि जाती है। दूसरे लेयर में ऑब्जेक्ट के आकार को पहचाना जाता है और ऐसे उसके बाद के लेयर में ऑब्जेक्ट फेस है या एनिमल है इसकी पहचान की जाती है। इस तरह यह काम करता है इसलिए इसे डीप लर्निंग कहा जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Deep Learning क्या है? डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करके हमारे दिमाग के तरह काम करने की एक टेक्नोलॉजी है।

इसका इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बनाने के लिए किया जाता है।

न्यूरल नेटवर्क यह डीप लर्निंग का एक हिस्सा है और डीप लर्निंग यह मशीन लर्निंग का एक भाग है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बनाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होता है।

डीप लर्निंग के कई प्रकार है जिससे इमेज को कंप्रेस और डीकंप्रेस करना, किसी भी चीज वस्तु की पहचान करना, आवाज के आधार पर टैक्स लिखना और टैक्स के आधार पर बोलना, किसी भी इमेज को एनहांस करना इसमें कई सारे न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल होता है।

मशीन लर्निंग सिर्फ सरफेस लेवल पर काम करता है और एल्गोरिदम की मदद से किसी भी डाटा को ट्रेन किया जाता है, डीप लर्निंग यह किसी भी डाटा के ऊपर लेयर के साथ गहराई से काम करता है इसलिए इसे deep learning कहा जाता है।

फ्रंटलाइन कंपनी ने AI के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है जिसे हम सभी को एक बार तो अवश्य देखना चाहिए।

One thought on “Deep Learning क्या है? सरल example से समझे 2024

  • Gail Onsgard

    Your thoughtful approach sets you apart in the blogging world.

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