Techno Term

Dark web vs Deep web क्या है? जाने इंटरनेट की एक रहस्यमय दुनिया

Deep web vs dark web vs surface web

Dark web vs Deep web क्या है? Dark web इंटरनेट का ऐसा हिस्सा है जहाँ सभी लोग पहुँच नहीं सकते।

इंटरनेट के जिस हिस्से को जानबूझकर छुपाया गया है उसे Dark Web कहते है।

इंटरनेट का उपयोग

Internet क्या है? और कैसे काम करता है यह हर बच्चा बच्चा जानता है और हर कोई internet से वाक़िफ़ है। आज के समय में इंटरनेट की आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

पहले हम सिर्फ Information लेने के लिए Internet का इस्तेमाल करते थे अब तो Music, Video, UPI से Internet Banking, social media , Online Classes यह सब इंटरनेट के माध्यम से बहुत ही आसान हो गया है।

एक तरफ इंटरनेट की अच्छी बातें हैं तो दूसरी तरफ उसकी एक Dark Side भी है।

इंटरनेट का दूसरा पहलु 

deep web या dark web को इंटरनेट की डार्कसाइड भी कहा जाता है। 

डार्क वेब का जिक्र हमने कहीं ना कहीं सुना होगा।

भारतीय बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मृत्यु की खोजबीन के दौरान न्यूज़ में कई बार डार्क वेब का जिक्र ड्रग्स के मामले में हुआ तब कई सारे लोगों को डार्क वेब के बारे में पता नहीं था।

लेकिन न्यूज़ के माध्यम से कई सारे लोगों को थोड़ी बहुत सी जानकारी मिली कि डार्क वेब क्या होता है।

इंटरनेट के जिस हिस्से का अभी हम इस्तेमाल कर रहे है उसे कहेते है सरफेस वेब (Surface web). 

डार्क वेब में इन्फोर्मेशन को जानबुजकर जाता उसे डार्क वेब कहते है।

Surface web और deep web data की तुलना

Deep web vs Surface web data on web

University of California के द्वारा 2001 में किये गए एक शोध के हिसाब से “डार्क वेब पर करीब 7500 Tera Byte data है। Surface web पर सब कुछ मिला के सिर्फ 19 Terabyte डेटा ही है।”

न्यूज़पेपर में टीवी में या वेबसाइट पर आपने भी अक्सर इंटरनेट के संदर्भ में deep web या dark web जैसे शब्दों को सुना या पढ़ा होगा। deep web या dark web शब्दों का नई टेक्नोलॉजी के हिसाब से एक सरीखा मतलब होता है वह है ‘इंटरनेट की दुनिया की अंधेरी आलम’। सही अर्थ में ‘अंधेरा’ क्योंकि इंटरनेट का यह भाग हम तो ठीक, लेकिन गूगल जैसा सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान सर्च इंजन भी पहुंच सकता नहीं है।

Dark web vs Deep web क्या है?

जिस तरह इंटरनेट कोई जगह नहीं है लेकिन दुनिया भर के असंख्य कंप्यूटर और उनके नेटवर्क को एक दूसरे के साथ जोड़ने वाला विराट नेटवर्क है। 

वैसे ही deep web और dark web ऐसे ही नेटवर्क में फैला हुआ अत्यंत विशाल नेटवर्क है।

हम इंटरनेट को जिस तरह से पहचानते हैं उससे deep web बहुत ही बड़ा है और internet के इस भाग को जानबूझ कर छुपाकर रखा जाता है।

iceberg comparison as surface web and deep web

जिस इंटरनेट का हम सामान्य तौर पर इस्तेमाल करते हैं डीप वेब उससे बहुत बड़ा है।

आपने शायद Titanic मूवी देखी होगी जिसमें टाइटैनिक शिप एक बहुत बड़ी हिमशिला से टकराकर टूट जाता है। 

इंटरनेट को अगर हम हिमशिला के साथ तुलना करते है तो हम जिस इंटरनेट को जानते हैं वह उस हिमशिला कि सिर्फ टॉर्च है बाकी का हिस्सा अंधेरे में है और हम से अनजान हैं। डीप वेब का मतलब यह नहीं है की illegal या आतंकवादी प्रवृत्तियों के लिए ही खड़ा हुआ नेटवर्क है। 

इंटरनेट के प्रकार कौन से है? (different type of internet)

इंटरनेट की दुनिया को तीन भागों में बांटा गया है:
१) Surface Web (सरफेस वेब)
२) Deep Web (डीप वेब)
३) Dark Web (डार्क वेब)


1) Surface web क्या है? (What is Surface Web?)

इंटरनेट का ऐसा जगत जिसे हम सब जानते हैं और इस्तेमाल भी करते है उसे Surface web कहते है|

internet का इस्तेमाल करने के लिए हम Google, Bing, Yahoo जैसे search engine की मदद से हम इंटरनेट को surf कर सकते है।

नाम ही बता देता है  की सरफेस वेब क्या है? सरफेस यानी ऊपरी भाग, इंटरनेट का यह भाग ऊपरी भाग है जिसे हम उपयोग में लेते है।

सरफेस वेब यह इंटरनेट का एक भाग है जो standard वेब सर्च इंजन (गूगल) के द्वारा सामान्य लोगों के लिए सर्चेबल होता है ।

यह बिल्कुल डीप वेब के विपरीत काम करता है। इंटरनेट के इस भाग को सर्च इंजिन आसानी से इंडेक्स कर सकता है उसे खोज सकता है और सभी को यह भाग दिखाई देता है।

2) Deep web क्या है? (what is Deep Web?)

Google जैसा सर्च इंजन डीप वेब कंटेंट तक पहुंच सकता नहीं है और इस वजह से हमारे जैसे यूजर्स भी वहां तक पहुंच नहीं सकते। डीप वेब का सभी कंटेंट गैरकानूनी है ऐसा नहीं है।

किसी यूनिवर्सिटी या सरकारी संस्था की इंफॉर्मेशन वाला डेटाबेस सामान्यतः सर्च इंजन की पहुंच के बाहर होता है।

वह सभी को डीप वेब का हिस्सा गिन सकते हैं और वह गैरकानूनी नहीं है।

डीप वेब यह इंटरनेट का ही एक भाग है लेकिन जानबूझकर कंटेंट को सर्च एंजिन में इंडेक्स होने देता नहीं है।

internet के इस भाग में ऐसी कई सारी प्राइवेसी वाली इन्फॉर्मेशन रखी जाती है जिसकी वजह से उसको इंडेक्स किया नहीं जाता है जैसे कि ईमेल, ऑनलाइन बैंकिंग, पेमेंट सिस्टम, इत्यादि।

इन सभी का इस्तेमाल सर्च करके नहीं कर सकते लेकिन उसकी प्राइवेट लिंक या IP address की मदद से आप लॉगिन कर सकते हो।

3) Dark web क्या है? (what is Dark Web?)

डार्क वेब का कंटेंट जानबूझकर छुपाया जाता है और सर्च इंजन इसे किसी भी तरह से खोज नहीं सकता।

डार्क वेब अवैध रूप से ड्रग्स, हत्यारों की डीलिंग और अन्य अवैध प्रवृत्तियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

विविध प्रकार के आतंकवादी समूह इंटरनेट के इस भाग का इस्तेमाल किया करते हैं।

deep web vs dark web

इंटरनेट हैकरों द्वारा हैक किये हुए Facebook, Linkedin, Yahoo जैसे अकाउंट के डेटा तथा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंकिंग इंफॉर्मेशन के डेटा को डार्क वेब पर बेचने के लिए रखे जाते हैं।

पूरी दुनिया में डार्क वेब के नेटवर्क का इस्तेमाल ड्रग सप्लाई, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, किसी की हत्या का ठेका लेने या देने, किसी के चोरी हुए क्रेडिट डेबिट कार्ड आदि की जानकारी खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है, इस तरह के अवैध चलन का इस्तेमाल डार्क वेब के जरिए किया जाता है।

आपको खास तरह का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल में लेना होगा डार्क वेब के पेज को देखने के लिए क्योंकि यह सब एन्क्रिप्टेड होते हैं जिसे आप डायरेक्ट देख नहीं सकते है।

बहुत सारे वेब पेजेस व्यक्ति की पहचान के बिना इंटरनेट पर डाले जाते हैं जिससे की वेब पेज अपलोड करने वाले को कोई पकड़ न पाए।

डार्क वेब का विधायक (Positive) उपयोग कैसे करे?

ऐसा नहीं है की डार्क वेब की सभी प्रवृत्तियां अवैध रूप से ही होती है।

जैसे हमने डीप वेब में देखा उसी तरह इंटरनेट का कुछ हिस्सा जिसे जानबूझकर छुपाया जाता है।

अपनी निजी इन्फॉर्मेशन को गुप्त रखने के लिए लश्करी दल, पुलिस या जासूसी संस्था अपने आप से डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं।

यह भी पढ़े

इंटरनेट कैसे काम करता है?

Whatsapp स्टोरेज खाली रखने के 05 तरीके

Dark web क्यू ‘Dark’ कहा जाता है?

Dark web यह कोई अलग दुनिया नहीं है यह Dark इसलिए कहा जाता है कि वहां तक पहुंचना मुश्किल है और यह एक कारण की वजह से होता है। वो है रोबोट एक्सक्लूजन स्टैंडर्ड।

वेबसाइट द्वारा Robots.txt का उपयोग वेब क्रॉलर के साथ वार्तालाप करने के लिए किया जाता है।

यह Robots.txt बताता है की वेबसाइट के कौन से भाग को सर्च इंजिन से दूर रखना है।

अगर कोई वेबसाइट स्पष्ट रुप से बताती है कि उसके कंटेंट को सर्च इंजिन द्वारा इंडेक्सिंग करने की इच्छा नहीं है तो गूगल जैसे सर्च इंजिन उसको इंडेक्सिंग करते नहीं है।

इसके परिणाम यह वेबसाइट सामान्य इंटरनेट की दुनिया में नजर आती नहीं है।

Dark web vs Deep web Vs Surface web

DescriptionSurface webDeep WebDark Web
क्या सर्च इंजिन में ये सर्च हो सकता है ?हाँ
नहींजानबूझकर छिपाया गया
उपयोगसभी कर सकते हैकुछ specific लोगो के लिए
कुछ specific लोगो के लिए
Content का प्रकारवैद्य
वैद्य और अवैद्य
ज्यादातर अवैद्य
% of डाटा 6%94%
कोनसे ब्राउज़र की आवश्यकताChrome, edge,  firefox, safariChrome, edge, firefox, safariTor
जोखिम कितना?कम (कोई भी web साईट का इस्तेमाल कर सकते हो और इसमें खतरा कम होता है)मीडियम (इमेल, सोसिअल मिडिया, ऑनलाइन बैंकिंग)सबसे ज्यादा (malicious सॉफ्टवेर, धोखा धडी, सरकार की निगरानी)
Dark web vs Deep web Vs Surface web



Tor Brower कैसे काम करता है?

Tor browser for deep web and dark web
Image credit : Wikimedia

जिससे हम internet का इस्तमाल करते है उसे browser कहते है। 

डार्क वेब में जाना जितना आप सोचते हो उससे कई ज्यादा आसान है।

आपको सिर्फ डार्क वेब ब्राउज़र Tor को डाउनलोड करना है।

एक बार आपने डार्क वेब ब्राउजर को डाउनलोड करने के बाद इंस्टॉल करना है। 

और जैसे हम रेगुलर ब्राउज़र को इस्तेमाल करते हैं वैसे ही Tor ब्राउज़र को इस्तेमाल करना है।

लेकिन कोई भी मटीरियल को डार्क वेब में ढूंढना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि डार्क वेब के पेजेस इंडेक्स नहीं होते।

डार्क वेब सर्च इंजन जैसी सर्विस आपको डार्क वेब में वेबसाइट ढूंढने में मदद कर सकती है।

Thehiddenwiki जैसी वेब डिरेक्टरी के माध्यम से डार्क वेब की वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है।

क्या Tor ब्राउज़र का इस्तेमाल करना अवैध है?

जिस तरह से टोरेंट की टेक्नोलॉजी से डाउनलोडिंग करना अवैध नहीं है। 

ऐसे ही Tor नेटवर्क की टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अवैध नहीं है।

लेकिन इसका अवैध प्रवृत्ति के लिए इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।

पूरी दुनिया में हजारों सर्वर और नोड से Tor नेटवर्क बने हुए हैं जिसे कोई एक संस्था या संगठन चलाता नहीं है।

The Onion Router यह Tor का पूरा नाम  है।

जिस तरह से प्याज के बीच वाले भाग में पहुंचने के लिए बहुत सारे कवर को निकालना पड़ता है।

वैसे ही Tor नेटवर्क स्पेशल टाइप के राउटिंग आधारित होती है। 

जिसमें किसी कंटेंट तक पहुंचने के लिए Tor सर्वर्स और नोड का उपयोग होता है। 

और उसकी पसंद किसी एक स्पेशल पैटर्न से होती नहीं है।

Tor ब्राउज़र का कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। 

लेकिन सिर्फ ब्राउज़र को डाउनलोड करने से आप कोई ड्रग्स बेचने वाली वेबसाइट तक पहुंच जाओगे ऐसा सोचना मत और ऐसा प्रयास भी मत करना।

ये गाना जरा गुनगुनालो “बचके रहेना रे बाबा बचके रहेना रे…बचके रहेना रे बाबा तुजपे नज़र है…“।

क्या dark web खतरनाक है? (is dark web dangerous?)

जी हां, डार्क वेब पर जाने से पहले बहुत सतर्क रहना आवश्यक है। यदि आप इसे अनजाने में प्रवेश करते हैं या वहां गलत गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो आपको कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है और आपके नैतिक मूल्यों और कानून का पालन भी प्रभावित हो सकता है।

अपनी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए यदि आप विशेषतः डार्क वेब के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद उचित होगा।

क्या Dark web का इस्तेमाल भारत में illegal है? (is the use of the Dark Web illegal in India?)

भारत में “Dark Web” तक पहुंचना और इसका उपयोग करना illegal नहीं है।

हालांकि, डार्क वेब तक पहुंचना अवैध नहीं है, लेकिन अवैध गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि अवैध वस्तुओं, ड्रग्स, हथियार, चुराई गई डेटा, हैकिंग सेवाओं की खरीद-बिक्री या अन्य अपराधिक गतिविधियों में भागीदारी, सख्ती से प्रतिबंधित है और कानून द्वारा दंडनीय है।



निष्कर्ष (Conclusion)

  • Surface Web (सरफेस वेब): यह एक बहुत ही सामान्य इंटरनेट है जिसे हम सभी क्रोम, सफारी, फायरफॉक्स जैसे ब्राउज़र की मदद से उपयोग कर रहे हैं।इसका उपयोग करने का कम जोखिम है। सरफेस वेब को सर्च इंजिन आसानीसे इंडेक्स कर सकता है।

  • Deep Web (डीप वेब) : पर्सनल ईमेल अकाउंट, सोशल अकाउंट, बैंकिंग इंफॉर्मेशन, यूनिवर्सिटी का डेटाबेस, मिलिट्री फोर्स इंफॉर्मेशन डाटा, बैंकिंग रिकॉर्ड यह सब उद्देश्य पूर्ण रूप से सर्च इंजन से छुपाये जाते है जिससे अनजान व्यक्ति ऐसी इनफार्मेशन का गलत इस्तेमाल ना कर पाए।

  • Dark Web (डार्क वेब) : हम Google जैसे सामान्य सर्च इंजन के साथ डार्क वेब की जानकारी तक नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि वेब साइटों के page indexed किये हुवे नहीं होते। ड्रग्स की खरीदी, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, पोर्नोग्राफी जैसी कंटेंट से डार्क वेब भरा हुवा है। सामान्य सर्च इंजिन की पहुँच के बाहर होता है इसलिए इसे डार्क वेब कहते है।

  • Tor Browser (टोर ब्राउसर) : डार्क वेब की वेब साईट का इस्तेमाल करने की लिए Tor ब्राउज़र का उपयोग करना पड़ता है।