Quantum Computer क्या है? कैसे काम करता है? फायदे क्या है?
Quantum Computer क्या है? क्या आपने Quantum Computer के बारे में सुना है या पढ़ा है? यह एक advanced technology है जो कम्प्यूटिंग और विज्ञान की दुनिया में हाल ही में बहुत चर्चा में है।
modern classical computers को जिस गिनती को करने में 10,000 (दस हज़ार) साल लग सकते है वह गिनती quantum computer से 200 सेकंड में possible है। है ना अद्भुत टेक्नोलॉजी!!!
तो चलिए, यह जानते हैं कि Quantum Computer क्या है? कैसे काम करता है? फायदे क्या है? और यह classical computer से कैसे अलग है?
Classical Computers History
classical computer या traditional computer उसे कहा जाता है जिस computer को हम बरसों से इस्तेमाल करते है। जो हमारे डेली लाइफ का हिस्सा है। classical computer की शुरुआत से लेकर अब तक की सफर नीचे दी गई है।
वर्ष-1940 – 1950 को पहली पीढ़ी (First Generation) के रूप में जाना जाता है। इसमें Vacuum Tube का उपयोग किया जाता था।
वर्ष-1950 – 1960 को दूसरी पीढ़ी (Second Generation) के रूप में जाना जाता है। Processor में Transistor का उपयोग होने लगा था।
वर्ष-1960 – 1970 को तीसरी पीढ़ी (Third Generation) के रूप में जाना जाता है। इसमें IC (Integrated Chip) का उपयोग होता था।
वर्ष-1970 से अब तक को चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) के रूप में जाना जाता है, जिसमें Microprocessor का उपयोग होता है।
आने वाले वर्ष पाँचवीं पीढ़ी (Fifth Generation) जिसमें Artificial Intelligence, Machine Learning और Quantum Computer शामिल होंगे, चर्चा में रहेंगे।
Quantum Computer में “Quantum” मतलब क्या?
सोचिए एक किताब का एक पन्ना है अगर आप इसे छोटे-छोटे हिस्सों में टुकड़े करते हो तब उसका हर एक छोटा टुकड़ा एक Quantum कहलाएगा यह टुकड़े किताब के मैटर का एक छोटा सा हिस्सा यानी यूनिट है जोकि ‘Quanta’ कहा जाता है।
क्वांटम कंप्यूटर में भी गिनती करने के लिए हम छोटे से छोटे यूनिट या जिसे qubits कहां जाता है इसका इस्तेमाल करते हैं इनके बीच के states को बदलकर गिनती की जाती है इसके अलावा quantum mechanism के कुछ सिद्धांत है जैसे कि superposition, entanglement, interference, और tunneling भी quantum computer के लिए महत्वपूर्ण है।
Quantum Computer क्या है?
Quantum Computer एक advance computer है जो quantum mechanics के principles का use करता है।
यह traditional computer से काफी अलग होता है।
एक traditional computer binary digits का use करता है (0 और 1), जबकि quantum computer quantum bits (qubits) का use करता है जो multiple states में होते हैं। ये multiple states किसी भी computation के लिए काफी उपयोगी होते हैं और इससे quantum computer को traditional computer से काफी ज्यादा powerful बनाता है।
ये computers cryptography, drug discovery, और financial modeling जैसी कई fields में revolutionize करने की potential रखते हैं।
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Quantum Computer के founder कौन है?
भौतिक शास्त्री Richard Feynman ने Quantum Computer के concept को 1982 में propose किया था।
बाद में Paul Benioff, Yuri Manin, David Deutsch, और Peter Shor जैसे अन्य scientists ने इस विचार को develop किया था।
इसलिए, quantum computer के invention में कई researchers ने कई दशकों के बाद संयुक्त प्रयास किए है।
Quantum Computer History
Quantum computer की concept को भौतिक विज्ञानी Richard Feynman ने 1980s के दौर में propose किया था।
उसके बाद, mid-1990s में nuclear magnetic resonance techniques का इस्तेमाल करते हुए, पहली बार qubit (quantum bit), जो quantum information का basic unit है, का physical realization किया गया था।
तब से अब तक, quantum computing के विकास में कई महत्वपूर्ण milestones दर्ज किए गए हैं।
2001 में, IBM scientists ने 7-qubit quantum computer बनाया था जो number 15 को उसके primes में factor करने में सफल रहा।
2011 में, University of Bristol की टीम ने Deutsch-Jozsa algorithm को perform करने के लिए two-qubit quantum processor demonstrate किया था।
2016 में, IBM ने public के लिए cloud के through 5-qubit quantum computer उपलब्ध कराया जो researchers और developers को quantum computing के साथ experiment करने की सुविधा देता है।
आज, quantum computing एक जल्दी से बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी है जिसमें governments, academic institutions, और private companies से significant investments किए जा रहे हैं।
यह cryptography, drug discovery, और financial modeling जैसी कई fields में क्रांति लाने की काबिलियत रखता है, और वैज्ञानिक इस टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने मे दिन रात प्रयास करते है।
Quantum Computer कैसे काम करता है? (How Quantum Computer Works?)
आम तौर पर, कंप्यूटर जो हम इस्तेमाल करते हैं उनके अंदर bits होते हैं, जो कि या तो 0 या 1 के बराबर होते हैं।
लेकिन quantum computer में ऐसे bits नहीं होते हैं, उसके अंदर qubits होते हैं।
qubit का मतलब होता है Quantum Bit.
qubit की खास बात यह है कि वो 0 या 1 दोनो के साथ साथ दोनो के बीच में भी हो सकता है।
इसका मतलब है कि qubit दोनो वैल्यू (0 और 1) के बीच में है।
जैसे की 1 और 0 के बीच में एक पॉइंट है, वैसे ही qubit भी 0 और 1 के बीच में एक पॉइंट पर होता है।
क्वांटम कंप्यूटर को इस्तमाल करने के लिए कुछ विशेष तकनीक का प्रयोग होता है, जिन्हे quantum gates कहते हैं। quantum gates qubits के साथ काम करते हैं और इनका प्रयोग करते हुए qubits की स्थिति में बदलाव किया जाता है।
Example से समझते है, समझो एक क्वांटम कंप्यूटर को एक 3 अंकों के नंबर का factorization करना है। factorization मतलब 15 का factor करना है (जो है 3 और 5)। क्वांटम कंप्यूटर के लिए कुछ खास एल्गोरिदम होते हैं जिनमें multiple qubits की सुपरपोजिशन और इंटरफेरेंस का प्रयोग होता है, जिसे फैक्टराइजेशन का काम बहुत ही तेजी से होता है।
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Quantum Computer क्या कर सकता है?
क्वांटम कंप्यूटर से कुछ काम ऐसे हैं जो क्लासिकल कंप्यूटर से बहुत मुश्किल है या फिर ऐसा समझ लो कि इंपॉसिबल है जैसे कि किसी बड़े नंबर को फैक्टराइज करना, complex simulation को चलाना, cryptography के लिए सिक्योर key जनरेट करना और ऐसे बहुत कुछ।
Example: चलो एक उदाहरण से समझते हैं सोचो कि आपको एक बड़ा सा puzzle solve करना है जिसमें बहुत सारे नंबर होते हैं, क्लासिकल कंप्यूटर से यह काम अगर हम करवाएं तो बहुत सारा समय इसमें चला जाएगा और ऐसा भी हो सकता है कि शायद क्लासिकल कंप्यूटर से यह काम संभव ही नहीं होगा।
लेकिन क्वांटम कंप्यूटर इस puzzle को बहुत जल्दी सॉल्व कर सकता है क्योंकि यह मल्टीपल कैलकुलेशन को एक साथ करने में सक्षम है और इस तरह से क्वांटम कंप्यूटर से बहुत सारे इंपॉसिबल काम पॉसिबल करवा सकते हैं और इसीलिए सभी बड़ी-बड़ी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर के रिसर्च के पीछे लगी हुई है।
Quantum Computer का इस्तेमाल कहाँ होता है?
quantum computer का इस्तेमाल कई सारि फील्ड में हो सकता है। कुछ चुने हुए इस्तेमाल नीचे दिए गए है।
1) क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) को मज़बूत बनाना
क्वांटम कंप्यूटर में कई एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम को तोड़ने की क्षमता होती है।
जो वर्तमान में डेटा और संचार को सुरक्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे cyber safety के लिए मूल्यवान technology हैं।
2) दवाओं की खोज
quantum computer का उपयोग अणुओं और परमाणुओं के व्यवहार को जाँचने के लिए किया जा सकता है।
यह दवा की खोज प्रक्रिया को बहुत तेज कर सकता है और बीमारियों के नए उपचारों की पहचान करने में मदद कर सकता है।
3) Financial Condition को समज़ना
क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग बड़ी मात्रा में financial data का विश्लेषण करने और बाजार के व्यवहार को समज़ने के लिए किया जा सकता है, जिससे संभावित रूप से अधिक सटीक financial पूर्वानुमान और बेहतर risk management हो सकता है।
4) Optimization problems को solve करना
Optimization problems यानि mathematics, engineering, science के ऐसे problems जिसके बहुत सारे solution है लेकिन उसमे से best solution ढूँढना। ऑप्टिमाइजेशन प्रॉब्लम का मतलब होता है कि एक सेट ऑफ पॉसिबल सॉल्यूशंस में से सबसे अच्छा सॉल्यूशन ढूंढना।
quantum annealing algorithm का उपयोग optimization problem को हल करने के लिए किया जा सकता है, जिन्हें classical method का उपयोग करके हल करना मुश्किल है। इसमें travelling salesman problem जैसी समस्याएं शामिल हैं, जिसमें शहरों के एक सेट के बीच सबसे छोटा संभव मार्ग खोजने शामिल है, और graph coloring problem, जिसमें ग्राफ़ के vertices को color करना शामिल है ताकि किसी भी दो नज़दीकी vertices का color समान न हो।
5) Machine Learning में Quantum Computer
क्या आप जानते हो Machine Learning क्या है? machine learning ऐसा computer program होता है जो खुद से सीखता रहता है और अपने आप को बहेतर बनाता रहता है।
इसके लिए बहुत सारे डेटा और analysis power चाहिए और इसलिए क्वांटम कंप्यूटिंग की high computational power का उपयोग करके computer program को जल्दी train कर सकते है।
क्वांटम कंप्यूटर के जरिए मशीन लर्निंग का इस्तमाल बहुत से फील्ड में किया जा सकता है, जैसे की इमेज प्रोसेसिंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, डेटा क्लासिफिकेशन, और पैटर्न रिकग्निशन।
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Quantum Computer क्यों fast है?
क्वांटम कंप्यूटर की प्रक्रिया क्लासिकल कंप्यूटर की प्रक्रिया से अलग होती है। जब हम क्लासिकल कंप्यूटर में कोई भी कंप्यूटेशन करते हैं, तो उसमें हम एक निश्चित set of bits का प्रयोग करते हैं और एक निश्चित sequence में उसका प्रयोग करते हैं। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर में, हम qubits का उपयोग करते हैं और उनकी सुपरपोजिशन और इंटरफेरेंस से काम लेते हैं।
Quantum Computer Vs Super Computer
दोनों टेक्नोलॉजी हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम हैं, लेकिन वे अपने डिजाइन, आर्किटेक्चर और कंप्यूटिंग पावर में मूल रूप से अलग होते हैं।
Supercomputer
यह मशीन बड़ी-बड़ी साइंटिफिक कैलकुलेशन को सॉल्व कर सकता है।
बड़ी-बड़ी numerical analysis कर सकता है।
supercomputer large scale के डाटा की प्रोसेसिंग करने के लिए बनाए गए होते है।
सुपर कंप्यूटर की बनावट ऐसी होती है कि वह एक साथ बहुत सारे कैलकुलेशन को परफॉर्म कर सकता है यानी कि यह parallel architecture का उपयोग करता है और यही आर्किटेक्चर इसे पावरफुल बनाता है।
ये complex problem को solve करने का फास्ट तरीका है जो बहुत सारे डेटा को एक साथ प्रोसेस करने की क्षमता रखता है।
यह एक क्लासिकल कंप्यूटिंग सिस्टम है जो binary digit (bits) और logical gate का उपयोग करके calculate करता है।
ये वर्तमान में कम समय में बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए विश्व के सबसे तेज कंप्यूटिंग सिस्टम हैं।
highly complex problem को बहुत सारे कंप्यूटिंग रिसोर्सेज का उपयोग करके प्रोसेस करने की क्षमता रखता है।
सुपर कंप्यूटर का उपयोग सुपर कंप्यूटर के लिए किया जाता है।
इसके जरिए डाटा एनालिसिस को सरलता से किया जाता है।
इसका उपयोग फिजिकल घटनाओं को एनालिसिस करने के लिए किया जाता है जैसे कि क्लाइमेट चेंज एक्सप्लोजन इत्यादि।
सुपर कंप्यूटर एक वर्किंग मॉडल है जो नेशनल सिक्योरिटी और साइंटिफिक डिस्कवरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Quantum Computer
दूसरी ओर, quantum computer calculations के लिए classical bits की जगह quantum bits (qubits) का उपयोग करता है।
Quantum computers classical computers से कुछ computations को बहुत तेज़ी से कर सकते हैं, विशेष रूप से optimization problems, cryptography, और simulation of quantum systems.
यह क्वांटम मैकेनिकल का उपयोग करके सुपरपोजिशन और एंटेंगलमेंट के जरिए लार्ज स्केल डाटा के कैलकुलेशन को परफॉर्म करता है।
इसका उपयोग क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए किया जाता है।
ये technology अभी पूरी तरह से बनी हुई नहीं है इसे in progress बोल सकते हैं।
इसका उपयोग क्रिप्टोग्राफी, दवाओं की खोज करना, फाइनेंसियल कंडीशन समझना, ऑप्टिमाइजेशन प्रॉब्लम को सॉल्व करना मशीन लर्निंग से मशीन को बेहतर बनाना इत्यादि के लिए किया जा सकता है।
क्वांटम कंप्यूटिंग प्रोबेबिलिटी के आधार पर कैलकुलेशन को परफॉर्म करता है।
Quantum Computer के फ़ायदे क्या है? (What are benefits of Quantum Computer?)
क्वांटम कंप्यूटर के बहुत सारे फायदे मिल सकते हैं उसमें से कुछ चुने हुए फायदे नीचे दिए गए हैं।
1) फास्टर कंप्यूटिंग (Faster Computing)
कुछ स्पेशल तरह के कैलकुलेशन क्वांटम कंप्यूटर के जरिए बहुत ही फास्ट तरीके से किए जाते हैं।
कुछ कैलकुलेशन को करने के लिए क्लासिकल कंप्यूटर को बरसो निकल जाते हैं वह कैलकुलेशन का सोल्युशन क्वांटम कंप्यूटर के जरिए कुछ ही समय में मिल जाता है।
2) Calulation की कार्य क्षमता बढ़ाना (Increase efficiency of Calculation)
क्वांटम कंप्यूटर की कार्य क्षमता इतनी तेज है कि कॉन्प्लेक्स प्रॉब्लम को सरलता से कैलकुलेट कर सकता है।
यही कार्य क्षमता की वजह से इसका उपयोग फिजिक्स, केमिस्ट्री, फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स की फील्ड में सुधार लाने के लिए कर सकते हैं।
3) Artificial Intelligence में सुधार (Improve Artificial Intelligence)
इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के प्रोग्राम को कम समय में जल्दी से ट्रेन किया जा सकता है।
सरलता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इंप्रूव कर सकते हैं।
4) सिक्योरिटी को बेहतर बनाना (Improve Security)
क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के जरिए कम्युनिकेशन को सिक्योर बनाया जाता है।
जिससे किसी भी हैकर के द्वारा यह क्रिप्टोग्राफिक कोड को तोड़ना असंभव हो जाता है।
5) रिसर्च मैं क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing in Research)
एडवांस रिसर्च के लिए और बहुत बड़े डाटा के एनालिसिस के लिए पावरफुल कंप्यूटिंग मैकेनिज्म चाहिए होता है जो क्वांटम कंप्यूटर के जरिए मिल सकता है। फिजिक्स जैसी फील्ड के लिए रिसर्च करने में सरलता होती है।
6) दवाओं की खोज में बढ़ावा (Quick Experiment on drugs)
मॉलिक्यूल के व्यवहार को समझ के क्वांटम कंप्यूटर के जरिए दवाओं की खोज की प्रक्रिया में बढ़ावा मिल सकता है।
किसी भी दवा की खोज जल्दी हो सकती है।
हमें पता है कि Corona की दवा के ट्रायल के लिए कितना सारा समय, ह्यूमन रिसोर्स, मैटेरियल रिसोर्स की आवश्यकता होती है।
ऐसी दवाओं की खोज के लिए बहुत सारा एनालिसिस करने की आवश्यकता होती है और कम समय में ऐसे रिजल्ट मिलने चाहिए।
यह क्वांटम कंप्यूटर के जरिए पॉसिबल हो सकता है।
7) डाटा प्रोसेसिंग मैं सुधार (improvement in Data Processing)
Quantum Computer के जरिए बहुत बड़े डाटा को प्रोसेस किया जाता है।
इससे बड़े से बड़े डाटा का एनालिसिस कम समय में कर सकते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर कंप्यूटिंग में क्रांति ला सकते हैं।
वैज्ञानिक शोध, दवा खोज से लेकर वित्त, लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बड़े संभावित लाभ प्रदान कर सकते हैं।
QuBits क्या है? (What is QuBits?)
QuBits (Quantum Bits) Quantum computer में information process करने के लिए basic unit है।
classical computer में bit system होती है जैसे की (0 या 1).
qubits 0 और 1 के बिच का कोई भी state हो सकता है जिसे superposition कहते है।
जिसका अर्थ है कि वे एक ही समय में 0 और 1 के संयोजन में हो सकते हैं।
यह quality, क्वांटम कंप्यूटरों को क्लासिकल कंप्यूटरों की तुलना में तेजी से कैलक्यूलेशन करने की क्षमता देता है।
Google का Quantum Computer
Google ने Quantum Computer बना लिया है और उसका नाम Sycamore रखा है।
2019 में google ने अपने quantum computer Sycamore का ऐलान किया था जो 53 qubits पर काम करता है।
इसकी calculation speed एक classical computer से अधिक होती है।
गूगल ने दावा किया कि यह 10,000 साल में किया जाने वाला काम 200 सेकंड में कर सकता है।
इसका उपयोग क्रिप्टोग्राफी और सिमुलेशन में सुधार के लिए किया जा सकता है।
Sycamore के लिए गूगल ने एक खास क्वांटम सिलिकॉन चिप विकसित किया था जिसमें लगभग 1,00,000 ट्रांजिस्टर होते हैं।
गूगल ने इसे खुद विकसित किया है।
Quantum Computer में Superposition क्या है?
क्वांटम कंप्यूटर में, Superposition एक क्वांटम स्टेट है। जिसमें एक qubit केवल 0 या 1 कोई भी स्टेट नहीं होता है, बल्कि दोनो के बीच का स्टेट होता है। Superposition का मतलब है कि जब तक की qubit को देखा नहीं जाता है, उसकी स्थिति केवल 0 या 1 नहीं होती, बल्कि दोनो के बीच कोई भी स्थिति हो सकती है। इसे Superposition state कहते है।
Quantum Computer में entanglement क्या है?
क्वांटम कंप्यूटर में entanglement एक क्वांटम स्टेट है जिस में दो या ज्यादा qubits एक साथ इंटरैक्ट करते हैं, जिसके कारण उनकी स्थिति एक दूसरे पर पूरा निर्भर करती है। इसके बीच का कनेक्शन इतनी मजबूत होता है कि अगर एक जगह को देखा जाए तो दूसरी qubit की स्थिति तुरंत मालूम हो जाती है, चाहे वह कितनी भी दूर हो।
Example : सोचिये कि हम हाथ में पहनने के एक जोड़ी gloves को देखते है जो एक दूसरे से जुड़े हुए है, हमें सिर्फ एक ही glove दिखाई दे रहा है अगर एक glove का रंग हम देख लेते हैं, तो दूसरे glove का रंग भी तुरंत पता लग जाता है। ये इसलिए होता है क्योंकि दोनो gloves एक साथ जुड़े होते हैं और उनके बीच की कनेक्शन इतनी स्ट्रॉन्ग होती है कि उनकी स्थिति एक दूसरे से पूरा निर्भर करती है।
Quantum Computer की Price क्या है?
क्वांटम कंप्यूटर अभी development stage में हैं और इस समय बड़े पैमाने पर commercial उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, इस समय क्वांटम कंप्यूटर की एक निश्चित मूल्य नहीं है। हालांकि, साफ कहा जा सकता है कि क्वांटम कंप्यूटर बनाना बहुत महंगा होता है क्योंकि इसमें बहुत महंगे हार्डवेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है।